ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने सचिन तेंदुलकर की जगह विराट कोहली को क्यों चुना? देखें वीडियो

एमेजॉन प्राइम पर जब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस से सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली में से किसी एक का चयन करने को कहा गया तो उन्होंने विराट का चयन किया साथ ही एक तर्क भी दिया।

लंबे समय के बाद जब विराट कोहली फिर से फॉर्म में आ गए हैं तो वही प्रश्न फिर से लोगो के ज़ेहन में उठने लगा है की बेहतर कौन सचिन या विराट?

ये सवाल आखिर विराट और सचिन के लिए ही क्यों?

क्रिकेट जगत में सबसे ज्यादा सेंचुरी और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं सचिन तेंदुलकर। जब भी कोई बल्लेबाज इनके रनों के या शतकों के आस पास भी नजर आता है तो ये सवाल उठना लाजमी है। रनों का मामला हो शतकों का इकलौते विराट कोहली ही मौजूदा क्रिकेटरों में से है जो सचिन से इन आंकड़ों के नजदीक नजर आते हैं।

सचिन के ओडीआई में 49 शतक है और विराट के 46 शतक। सिर्फ 3 शतकों से पीछे चल रहे विराट ने हाल में गजब की फॉर्म पकड़ी है इसलिए माना जा रहा है की अगले 5 ओडीआई मैचों में वो सचिन की बराबरी कर लेंगे। लेकिन दिल्ली अभी दूर है, सचिन के टेस्ट में 51 शतक है वहीं विराट के इनके मुकाबले लगभग आधे यानी 27 शतक है। सचिन अभी भी विराट कोहली से लंबे फासले से आगे दिखाई देते है।

पैट कमिंस ने सचिन के बजाय विराट को क्यों चुना?

सभी बड़े क्रिकेटरों की तरह एमेजॉन प्राइम पर जब ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस से सवाल किया गया की सचिन और विराट कौन है उनकी पसंद तो उन्होंने विराट का चयन किया। भले ही कमिंस ने सचिन पर विराट को तरजीह दी लेकिन साथ ही उन्होंने एक तर्क भी दिया की मैने सचिन तेंदुलकर के साथ सिर्फ एक मैच ही खेला है।

Source: Prime Video India

सचिन तेंदुलकर को बेहतर मानने वालों के क्या तर्क हैं?

सचिन को बेहतर मानने वालों की न तो संख्या कम है न उनके तर्कों की संख्या कम है। सचिन के फेवर में बोलने वालों के 3 खास तर्कों को नीचे बताया गया है:

  1. सचिन ने अपने दौर में दुनिया के बेस्ट गेनबाजों को खेला है और वो मानते हैं की आज के गेंदबाज जो उनका 10% भी नहीं है, न ही गति में और न दूसरी कोई गेंदबाज़ी क्वालिटी में।
  2. फील्ड रिस्ट्रिक्शंस में बदलाव के कारण आज के बल्लेबाजों को फेवर मिलता है जबकि सचिन के दौर में बल्लेबाजों को ज़्यादा मुश्किल हुआ करती थी।
  3. फ्लैट/सपाट पिच भी आज कल बल्लेबाजों को ही मदद करती है जबकि सचिन के दौर में बल्लेबाजों के लिए मुश्किल पिच बनाई जाती थी।

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