शाहिद अफरीदी का डर या चाल? “आईसीसी भी बीसीसीआई का कुछ नहीं कर पाएगा”

जून में होने वाले एशिया कप 2023 पर भारत के कड़े रुख को देखते हुए शहीद अफरीदी को डर है की आगे अगर मामला नहीं सुलझता है तो आईसीसी भी बीसीसीआई का कुछ नहीं कर पाएगा।

इस पूरे मामले की शुरुवात होती है जब पाकिस्तान को एशिया कप 2023 की मेजबानी मिली। पाकिस्तान इस मौके के इंतजार में था की भारत जैसी बड़ी टीम उनके देश आए जिससे वहां इंटरनेशनल क्रिकेट को फिर से बहाल करने में बड़ी मदद हो जाती। आपको बता दें की सिर्फ पिछले एक साल से ही वहां इंटरनेशनल क्रिकेट खेली जा रही है वरना सुरक्षा कारणों से बीते 15 सालों में वहां कोई भी बड़ी टीम ने इंटरनेशनल मैच नहीं खेला था।

पाकिस्तान को ये कतई अंदाजा भी नहीं था की भारत एशिया कप के लिए पाकिस्तान आने से मना कर देगा क्योंकि ये किसी एक टीम के साथ खेली जाने वाली श्रृंखला नहीं बल्कि पूरा का पूरा टूर्नामेंट है जिसमे एशिया की सभी टीमें हिस्सा लेती हैं।

भले ही बीसीसीआई ने पॉलिटिकल कारण बताते हुए भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार किया हो लेकिन उन्हें चुनौती देते हुए पाकिस्तान ने भी अगले साल भारत में होने वाले ओडीआई वर्ल्ड कप में शिरकत ना करने की धमकी दे दी। पाकिस्तान ने शर्त रख दी की अगर भारत एशिया कप के लिए पाकिस्तान नहीं आता है तो वो भी 2024 वर्ल्ड कप के लिए हिन्दुस्तान नहीं आयेगा। इसपर बीसीसीआई ने उन्हें पाकिस्तान के इलावा किसी और वेन्यू पे टूर्नामेंट को शिफ्ट करने की सलाह दी और पाकिस्तान इसको मानने को तैयार नहीं।

क्या था शाहिद अफरीदी का पूरा बयान?

इसी कशमकश में शाहीद अफरीदी से एक टीवी चैनल पर क्रिकेट डिबेट के दौरान इसी विषय में सवाल किया गया तो उनका जवाब ये था की “अगर कोई अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाता है तो फिर इस तरह के कड़े फैसले लेना आसान नहीं होता। उन्हें काफी चीजें देखनी होती हैं। इंडिया अगर आंखे दिखा रहा है, या इतना कड़ा स्टैंड ले रहे हैं, तो उन्होंने खुद को इतना मजबूत बना लिया है, इसलिए वो इस तरह की बात कर पा रहे हैं, नहीं तो उनकी हिम्मत नहीं होती। कुल मिलाकर बात ये है कि आपको खुद को मजबूत बनाना है और फिर फैसला लेना है।”

उन्होंने आगे ये भी कहा की “मुझे नहीं पता कि भारत एशिया कप के लिए पाकिस्तान जाएगा? क्या हम भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप का बॉयकॉट करेंगे? लेकिन हमें कभी ना कभी स्टैंड लेने की जरूरत थी। ऐसे में आईसीसी की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है, उन्हें आगे आना चाहिए, लेकिन मैं बता दूं कि बीसीसीआई के सामने आईसीसी भी कुछ नहीं कर पाएगा।”

शाहिद अफरीदी के इस बयान के 2 मायने निकाले जा रहे हैं:

  1. अफरीदी को ये डर है की भारत अपने स्टैंड को चेंज नही करेगा और आखिर में पाकिस्तान को ही उनकी बात माननी पड़ जायेगी।
  2. हो सकता है अफरीदी ने ऐसा बयान सोची समझी रणनीति के तहत दिया हो जिससे आईसीसी को ये एक चैलेंज की तरह लगे और वो उकसावे में आकर बीसीसीआई के खिलाफ कदम उठाए।

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